उत्तर प्रदेश

CM Yogi ने प्रदेश में जारी जनहित की परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में जारी जनहित की परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। बैठक में सम्बंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनाओं की प्रगति और भावी कार्ययोजनाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण अपने विभाग के शीर्ष अधिकारी हैं। विभाग से जुड़ी प्रत्येक व्यवस्था, परियोजना तथा प्रकरण के लिए इनकी जवाबदेही है। अतः कार्यां में समयबद्धता तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करना आवश्यक है। अधिकारीगण विभागीय मंत्रीगण के साथ बेहतर संवाद व  समन्वय बनाये रखें तथा जनहित के प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखें। उन्होंने कहा कि जिन विभागों में रिक्तियां हैं और नियुक्तियां की जानी हैं, वहां से तत्काल अधियाचन चयन आयोगों को भेजा जाए। नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग किया जाए। नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। चयन आयोगों से संपर्क बनाएं, सही अधियाचन भेजें तथा चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें।

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। समय से आवंटन और समय से खर्च होना चाहिए। वित्त विभाग द्वारा इसकी विभागवार समीक्षा की जाए। बजट आवंटन और खर्च के नियमों का सरलीकरण भी अपेक्षित है, इस पर यथोचित कार्यवाही की जाए।

जी0एस0टी0 संग्रह के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है। फील्ड में तैनात अधिकारियों को टारगेट दें। इनके परफॉर्मेंस को ही इनकी पदोन्नति, पदस्थापना का आधार बनाया जाना चाहिए। तकनीक का प्रयोग बढ़ाएं। कर चोरी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

तेज गर्मी/लू का मौसम चल रहा है। ऐसे में पूरे प्रदेश में गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। बिजली तभी कटे, जब बहुत जरूरी हो। ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए। अधिकारी फोन अटेंड करें, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए, यदि ऐसा हो तो वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करें। सेफ सिटी परियोजना से जुड़े कार्यों को समय से पूरा कराएं। नगरों में कहीं भी पेयजल का संकट न होने पाए। स्ट्रीट डॉग की समस्या का स्थायी समाधान तलाशें।

बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा ली जाए, ताकि सिल्ट जमा न होने पाए तथा बारिश में जलभराव न हो। मलिन बस्तियों में साफ-सफाई की अत्यधिक आवश्यकता है। यहां नियमित फॉगिंग भी कराई जाए। सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन कार्य में संलग्न वाहनों में किसी भी दशा में ओवरलोडिंग नहीं होनी चाहिए। यह नियम विरुद्ध भी है तथा दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। इस दिशा में सख्ती की जानी चाहिए। बालू, मोरंग, गिट्टी जैसे उपखनिजों का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। बरसात के मौसम में खनन कार्य स्थगित रहेगा, ऐसे में यह सुनिश्चित कराएं कि इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोत्तरी न हो। इससे विभिन्न विकास परियोजनाएं भी प्रभावित होती हैं। उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।

एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज अभियान के तहत निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में निर्माण कार्य की गुणवत्ता और परियोजना की समयबद्धता सुनिश्चित की जाए तथा इसकी साप्ताहिक समीक्षा करें। प्राचार्यों व अन्य फैकल्टी स्टाफ के चयन में केवल योग्यता को ही मानक बनाएं। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि गन्ना पेराई का नया सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछले सत्र का सारा बकाया भुगतान हो जाए। गन्ना, उन्हीं मिलों को उपलब्ध कराया जाए, जिनका भुगतान रिकॉर्ड अच्छा हो।

जहरीली अथवा अवैध शराब बनाने, बेचने और खरीदने के प्रयासों पर लगातार हुई कार्रवाइयों का ही असर है कि इसका पूरा सिंडिकेट समाप्त हो गया है। कार्रवाइयों का क्रम लगातार जारी रखें। यह सुखद है कि लोकसभा चुनाव में कहीं भी जहरीली अथवा अवैध शराब से जुड़ी अप्रिय घटनाओं की सूचना नहीं प्राप्त हुई। प्रयास हो कि ऐसी स्थिति आगे भी बनी रहे।

कमिश्नरी स्तर पर महिला संरक्षण गृह क्रियाशील कराए जाएं। चरणबद्ध रूप से इसे सभी 75 जनपदों में विस्तार दिया जाए। संरक्षण गृहों के लिए एन0जी0ओ0 का चयन अत्यंत सावधानी के साथ किया जाए। यहां वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की जाए।

पहले बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल एक सपना था। आज यह सपना साकार हो रहा है। यह दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में है। अतिशीघ्र विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर में नल से जल की सुविधा होगी। झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में जल जीवन मिशन का कार्य आखि़री चरण में प्रवेश कर गया है। अवशेष कार्यों को तेजी के साथ पूरा कराया जाए। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती की जाए। गर्मी के मौसम में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति लगातार बनाये रखें। एक भी दिन किसी भी परिवार को पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिए। पशुओं के लिए हरा चारा और पेयजल के भी प्रबंध किये जाएं।

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